शेयर बाजार क्या है? और यह कैसे काम करता है?

आज के समय में आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है।  शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है जिसमें हम  कंपनी के शेयर खरीद और बेच सकते हैं। जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते

शेयर बाजार क्या है?

जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आपका पैसा निवेश होता है। जैसे ही कंपनी लाभ कमाती है, आपके शेयर भी लाभ कमाते हैं। आप बाजार में अपने शेयर बेचकर लाभ ले लसकते है

भारत में शेयर बाजार मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर काम करता है। शेयर बाजार में लोग भारत में बीएसई और एनएसई स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर खरीदते और बेचते हैं। सेंसेक्स और निफ्टी भारत की शीर्ष कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाते हैं।

शेयर बाज़ार छोटे बड़ी कंपनी को मौका देता है कि वह आप और हम जैसे लोगों से पैसा जुटा सके और अपने बिजनेस को बड़ा कर सकें जिसके बदले में कंपनियां आपको अपने शेयर देंगी.

आसान शब्दो मे समजे तो शेयर बाजार एक ऐसा बाजार समझिये जहां से आप भारत की सबसे बड़ी कंपनी की हिस्सेदार बन सकते हो उनके शेयर खरीद कर.

भारत में शेयर बाजार मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर काम करता है। शेयर बाजार में लोग भारत में बीएसई और एनएसई स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर खरीदते और बेचते हैं। सेंसेक्स और निफ्टी भारत की शीर्ष कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाते हैं।

शेयर बाजार छोटी और बड़ी कंपनियों को आप और मेरे जैसे लोगों से पैसे जुटाने और अपने कारोबार को बढ़ाने का मौका देता है, जिसके बदले में कंपनियां आपको अपने शेयर देंगी।

सरल शब्दों में शेयर बाजार को ऐसे बाजार के रूप में समझें जहां से आप भारत की सबसे बड़ी कंपनी के शेयर खरीदकर उसके शेयरधारक बन सकते हैं।

हां, आप एचडीएफसी बैंक एसबीआईएन बैंक रिलायंस, इंफोस जैसी नामी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं और जब कंपनी मुनाफा कमाएगी तो आप भी मुनाफा कमाएंगे।

शेयर कैसे खरीदें और बेचें?

मान लीजिए कि आप रतन टाटा की कंपनी टाटा के शेयर खरीदना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट खोलना होगा, आप इसे किसी भी ब्रोकर ऐप जैसे GROW UPSTOX ANGLE ONE आदि से फ्री में खोल सकते हैं।

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी

  • आधार कार्ड
  • मेल आईडी
  • पैन कार्ड
  • बैंक अकाउंट
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • आय का प्रमाण

  • डीमैट अकाउंट खोलने के बाद आपको अपने ब्रोकर ऐप में लॉग इन करके पैसे डालने होंगे।
  • अब आपको ऊपर उस शेयर का नाम सर्च करना होगा जिसे आप खरीदना चाहते हैं
  • अब आपको शेयर की कीमत दिखाई देगी और BUY और SELL बटन भी दिखाई दें
  • इसके बाद आप जितने शेयर खरीदना चाहते हैं, उसे लिखें और BUY बटन पर क्लिक करें, आपके शेयर आपके पोर्टफोलियो में जुड़ जाएंगे।
  • जब आप अपने पोर्टफोलियो में शेयर देखेंगे तो उनकी कीमत कम या ज्यादा होगी, जब आपके शेयर की कीमत बढ़ जाती है तो आप उन्हें बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
  • उदाहरण के लिए

  • मान लीजिए कि आपने किसी कंपनी के 100 शेयर खरीदे, जिसके एक शेयर की कीमत 150 थी
  • मतलब आपका कुल निवेश 15000 रुपये था
  • कुछ दिनों बाद आपके शेयर की कीमत बढ़कर 250 हो गई, फिर आपने उस समय अपने 100 शेयर बेच दिए, प्रति शेयर की कीमत 250 रुपये थी, तो आपको 10000 का मुनाफ़ा हुआ
  • लेकिन यह जितना आसान लग रहा है, उतना है नहीं

शेयर खरीदने से पहले आपको क्या देखना चाहिए? आइए हम आपको बताते हैं

  • 1 कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझने की कोशिश करें> बिजनेस मॉडल का मतलब है कि कंपनी किस तरह से पैसे कमाती है। किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले आपको कंपनी के बिजनेस मॉडल को जानना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि कंपनी जो नया प्रोजेक्ट या सर्विस लॉन्च करती है, उसके हिसाब से शेयर की कीमत ऊपर-नीचे होती रहती है।

  • 2. कंपनी पर ज़्यादा कर्ज नहीं होना चाहिए > अगर आप गूगल पर सर्च करेंगे या थोड़ा न्यूज़ चैनल देखेंगे, तो आपने कई कंपनियों के उदाहरण देखे होंगे, जिन्होंने बहुत ज़्यादा खर्च किया और उन्हें चुका न पाने की वजह से वे डूब गईं और निवेशकों का पैसा भी डूब गया।इसलिए आपको ऐसी कंपनी के शेयर खरीदने चाहिए जिस पर कम कर्ज हो

  • 3 बैलेंस शीट और वित्तीय सेहत यानी फंडामेंटल चेक करें > बैलेंस शीट और वित्तीय फंडामेंटल पढ़ने से आपको उसकी वित्तीय सेहत यानी कंपनी पर कितना कर्ज है और उसके पास कितनी नकदी है, इसका पता चलता है इसलिए किसी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले बैलेंस शीट चेक करें
  • 4 * चेक करें कि कंपनी कितनी पुरानी है > कंपनी जितनी पुरानी होगी, उसका अनुभव उतना ही ज़्यादा होगा. उदाहरण के लिए, अगर आप टाटा बजाज में निवेश करते हैं, तो आपको लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलता है. ऐसा इसलिए क्योंकि टाटा बजाज के पास काफी अनुभव है जिसके दौरान उन्होंने बाजार के कई उतार-चढ़ाव देखे और सीखे हैं, जबकि एक नई कंपनी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जिसके कारण कंपनी को व्यवसाय चलाने का कम अनुभव होता है.
  •  कंपनी के जरूरी फाइनेंसियल रेश्यो जरूर देखें > किसी शेयर की फंडामेंटल एनालिसिस करते समय हमें काफी सारे फाइनेंसियल रेश्यो को देखना पड़ता है जैसे―
  • PE Ratio (Price to earning ratio)
  • PB Ratio (Price to book value ratio)
  • Debt to Equity Ratio
  • Earning per share
  • Book value per share

*

*पर नज़र डालें

आप जानते हैं कि कंपनी का आकार उसके मार्केट कैप से तय होता है, मतलब;

  • अगर कंपनी 1000 करोड़ या 500 करोड़ से छोटी है, तो उसे माइक्रो कैप कहा जाएगा।
  • अगर यह 1000 करोड़ से बड़ी है, तो इसे स्मॉल कैप कहा जाता है और अगर यह 30000 या 50000 करोड़ से बड़ी है, तो इसे मिड कैप कंपनी कहा जाता है।
  • लेकिन अगर इसका आकार 1 लाख करोड़ से ज़्यादा है, तो यह लार्ज कैप कंपनी की श्रेणी में आती है।

कंपनी जितनी छोटी होगी, वह उतनी ही बड़ी होगी।

शेयर बाज़ार कौन चलाता है?

शेयर बाजार को चलाने में स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर, खरीदार और विक्रेता सभी का बड़ा योगदान होता है। लेकिन इसके अलावा यह पूरे बाजार पर नज़र रखता है और किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर सज़ा देता है। इसका नाम है सेबी यानी सिक्योरिटी ऑफ़ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया।

देखा जाए तो सेबी ही शेयर बाजार को चलाता है क्योंकि जो सेबी के नियमों का पालन नहीं करता वह शेयर बाजार में काम नहीं कर सकता, चाहे वह किसी कंपनी का निवेशक हो या ब्रोकर या फिर खुद स्टॉक एक्सचेंज ही क्यों न हो इन सभी को सेबी की आज्ञा का पालन करना होगा, जिसका मतलब है कि सेबी शेयर बाजार में राजा के रूप में कार्य करता है

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई, दोनों ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में गिने जाते हैं। बीएसई स्टॉक एक्सचेंज बहुत पुराना है जिस पर ब्रोकर्स ने 1875 से ट्रेडिंग शुरू की थी। कुछ समय बाद यह बहुत लोकप्रिय होने लगा और लोग धीरे-धीरे कंपनी के शेयर खरीदने और बेचने लगे।

अब सरकार ने भी सोचा कि सरकारी स्टॉक एक्सचेंज होना चाहिए, तो फिर सरकार ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज बनाया जिस पर आज देश में सबसे ज़्यादा ट्रेडिंग होती है। अगर आपने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की तस्वीर देखी होगी, तो आपको एक लिस्ट दिखेगी जिसमें स्क्रीन पर कुछ लाल और हरे रंग के नंबर स्क्रॉल करते हुए दिखेंगे।

निफ्टी और सेंसेक्स कैसे काम करते हैं? शेयर बाजार में

शेयर बाज़ार में, निफ्टी और सेंसेक्स ऐसे इंडेक्स हैं जो भारत की सबसे बड़ी कंपनियों की स्थिति को दर्शाते हैं। एक तरफ़ निफ्टी और सेंसेक्स बाज़ार के संकेतक के तौर पर काम करते हैं जो देश की अर्थव्यवस्था में कुछ अंकों की गिरावट को दर्शाते हैं।

इसीलिए जब सेंसेक्स कई अंक ऊपर जाता है तो कंपनी को भारी मुनाफा होता है और जब सेंसेक्स नीचे आता है तो कंपनी को घाटा होता है।

*सेंसेक्स देश की 30 सबसे बड़ी कंपनियों का सूचकांक है जबकि निफ्टी देश की शीर्ष 50 कंपनियों का सूचकांक है। जब सेंसेक्स बनाया गया था तब इसका मूल्य 500 अंक था जो आज बढ़कर 70000 से अधिक हो गया है।

पिछले 20 सालों में सेंसेक्स और निफ्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।

शेयर बाजार का काम कैसे सीखें?

शेयर बाजार का काम सीखने के लिए आपको ट्रेडिंग और निवेश सीखना होगा। शेयर बाजार में कई तरह की नौकरियां होती हैं। अगर आप शेयर बाजार में काम करना चाहते हैं तो आपको डिग्री की जरूरत होती है, लेकिन अगर आप खुद से निवेश और ट्रेडिंग सीखना चाहते हैं तो आपको किसी डिग्री की जरूरत नहीं है। आप खुद से ट्रेडिंग और निवेश सीख सकते हैं।

आप ऑनलाइन वीडियो देखकर शेयर बाजार सीख सकते हैं।

आप ऑनलाइन कोर्स के जरिए सीख सकते हैं।

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